मीरा कांत के नाटकों में चित्रित स्त्रियों का सामाजिक संघर्ष : (नेपथ्य राग और कंधे पर बैठा था शाप के संदर्भ में )
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Author(s):
MANOHAR BHAUSAHEB AVHAD
Vol - 11, Issue- 3 ,
Page(s) : 54 - 63
(2024 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSI
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Abstract
21 वीं शताब्दी के आरंभ से हिंदी नाट्य साहित्य में सशक्त महिला रचनाकार के रूप में मीरा कांत उभरकर सामने आती है। उनके नाटक युगीन प्रश्नों को प्रस्तुत करते हैं तथा पाठक एवं दर्शक को स्त्री के वर्तमान एवं भविष्य के प्रति विचार करने के लिए प्रेरित करते हैं।
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