रैगर जाति की सामाजिक सांस्कृतिक प्रस्थिति में परिवर्तन
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Author(s):
KAVITA
Vol - 8, Issue- 1 ,
Page(s) : 79 - 84
(2021 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSI
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Abstract
जिस प्रकार परिवर्तन प्रकृति का नियम है उसी प्रकार सामाजिक संसार में भी परिवर्तन सदैव विद्यमान रहते हैं। भारतीय समाज संरचना श्रेणीब( विभाजन वेफ कारण या संस्तरणात्मक परिस्थितियाँ उत्पन्न होती गईं। समाज में जातियों तथा वर्गों हेतु वैधनिक तथा सामाजिक निर्योग्यताएँ निरूपित होती चली गईं। अस्पृश्य समाज या अस्पृश्य जाति जो कि अनुसूचित जाति वेफ नाम से जाती जाती है। अनुसूचित जाति सामाजिक संरचना की श्रेणी में सबसे निम्न स्थान पर रखी गईं हैं।
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